4मई गदरपुर में आयोजित "अखि.भार. कवि संगठन" के द्वितीय अधिवे. में देश के कवियों के सम्मुख काव्य पाठ ।
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 Published On May 6, 2024

शब्द का एक अक्षर बना लो हमें,

प्राण की तुम धरोहर बना लो हमें।


प्रीत बनकर दिलों में धड़कते रहो,

गीत बनकर खतों में मचलते रहो

गीत का  प्रीत से है मिलन ये अजब

स्वप्न की सिर्फ झालर बना लो हमें।।

                                                         
भावना बन लहर रोज मन में बही,

कुछ कही आपसे कुछ रही अनकही,

जान पाए नहीं आप अहसास को

चाह का नील अम्बर बना लो हमें ।। 


 रीत है ये यहां की बनाई हुई ,

 है जुदाई मिलन में समाई हुई,

राम बन आप तो आइये बस कभी 

 कामना का समन्दर बना लो हमें ।                                            
इन्द्रा तिवारी इन्दु

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